Tuesday, August 1, 2017

रसोई में पिंडदान करती महिलाएं

रसोई में पिंडदान करती हैं महिलाएं !

लखनऊ | रसोई में काम करते हुए बचे हुए सामानों का उपयोग करना महिलओं की आदत में शुमार किया जाता है | आजकल हर घर में फ्रिज होना आम बात है और उसमें सब्जी से लेकर हर तरह की खाद्यसामग्री मय पानी के होना भी , महिलाएं आदतन खाना बनाते समय रोटियों के लिए जरूरत से अधिक आटा भिगो लेती हैं और बच जाने पर उसकी गोल पिंडी बना कर फ्रिज में रख देती हैं | कभी खुला हुआ तो कभी किसी बर्तन में ढक कर रखती हैं | दरअसल दो बार आटा न गूंथना पड़े के आलस की वजह से ऐसा अधिकतर होता है लेकिन यह सेहत और परिवार दोनों के लिए हानिकारक होता है | कई बार तो दो-तीन दिन बाद आटा खराब हो जाने पर गाय या किसी जानवर को खिला दिया जाता है या कचरे में फेंक देते हैं | आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रिज में रखे हुए आटे में कुछ देर बाद रासायनिक बदलाव आ जाते हैं जो शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचाते हैं | वहीं कर्मकांडी पंडितों के अनुसार आटे की पिंडी केवल मृत पूर्वजों के दान कर्म के लिए ही बनाई जाती है | दोनों ही नजरिये से फ्रिज में आटा बचा कर रखना हानिकारक है |ताजे आटे की रोटियां स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी ठीक होती हैं | इसलिए स्वास्थ्य के साथ-साथ अपना और अपने परिवार का सम्मान भी करिये और अनजाने में रसोई में  जीवित लोगों के पिंडदान कर्म से बचिए |

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